Saint Paltu

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संत पलटू दास, जिन्हें पलटू साहिब के नाम से भी जाना जाता है, एक आध्यात्मिक शिक्षक और रहस्यवादी थे, जो 18वीं शताब्दी में उत्तरी भारत में अयोध्या में रहते थे। वह रूढ़िवादी धार्मिक प्रथाओं और अनुष्ठानों के आलोचक थे और अंततः धार्मिक अधिकारियों द्वारा उन्हें जिंदा जला दिया गया था। उन्हें दूसरा कबीर भी माना जाता था।

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Description

लगन महूरत सब झूठ, और बिगाडें काम॥
तिनका टूटे नहीं, बिन सतगुरु की दाया
अजहूं चेत गंवार, जगत है झूठी माया
पलटू सुभ दिन सुभ घड़ी, याद पड़ै जब नाम।

Explanation:

हम कुछ भी शुरू करने के लिए कुंडली और उचित समय की तलाश करते हैं लेकिन संत पलटू कह रहे हैं कि यह एक गलत धारणा है। उस परम का नाम स्मरण करो और सदैव उसके परमानंद में रहो, हर क्षण एक अच्छा क्षण है।

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