Description
लगन महूरत सब झूठ, और बिगाडें काम॥
तिनका टूटे नहीं, बिन सतगुरु की दाया
अजहूं चेत गंवार, जगत है झूठी माया
पलटू सुभ दिन सुभ घड़ी, याद पड़ै जब नाम।
Explanation:
हम कुछ भी शुरू करने के लिए कुंडली और उचित समय की तलाश करते हैं लेकिन संत पलटू कह रहे हैं कि यह एक गलत धारणा है। उस परम का नाम स्मरण करो और सदैव उसके परमानंद में रहो, हर क्षण एक अच्छा क्षण है।
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