8

तेरे कदमों से मेरी पनाह महकती है

तेरे कदमों से मेरी पनाह महकती है
तेरे दीदार से मेरी निगाह महकती है

जब चलते हो तुम बन के हमसफर
कदम झूमते हैं मेरी राह महकती है

जब कभी छू लेता हूं दामन तुम्हारा
उंगलियां नाचें मेरी बांह महकती है

मेरा चाहना तुमको है हर हद से परे
हद पार करके मेरी चाह महकती है

दर्द में भी हंसते हैं तेरे साथ “शफ़ी”
तुम्हारे साथ से मेरी आह महकती है

Share the Content

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!