हमने तो रोका था ना आपको
हद से ज्यादा न प्यार करो मुझे
नहीं माने ना
विरह की अग्नि में
जल रहे हो ना
ना चैन से सोते हो
ना चैन से जागते हो
तड़प रहे हो ना
कहती थी भूल जाओ मुझे
कलम का लिखा ही नहीं मिटता
यह स्याही तो प्रेम की है
नहीं मिटा पा रहे हो ना
हद से ज्यादा न प्यार करो मुझे
नहीं माने ना
मैं तो एक चिड़िया हूँ
पिंजरे में क़ैद
उड़ गए वह सब
जिनके साथ चहकती थी
इस क़ैद के वीराने में
अकेली रह गयी है यह चिड़िया
कुछ बेडिया बंधी है पैरों में
जिन्हें तोड नहीं सकते
दिल में मेरे भी प्यार है
लेकिन बयान कर नहीं सकते
चाहे मेरी ऑंखें पढ़ लो
प्यार बेपनाह है इनमे
पर मुझे भूल जाओ ना
ना तड़पो
और ना तड़पाओ ना
बेड़ी में बंधी इस चिड़िया ने
रोका था ना
हद से ज्यादा न प्यार करो मुझे
नहीं माने ना
Visit the Profile of Sohni